नर्मदापुरम। आखिर 4 महीने बाद नगर पालिका परिषद नर्मदापुरम के राजस्व रिकॉर्ड में हुए घोटाले की जांच निकाय स्तर पर पूरी हुई। नगर पालिका परिषद नर्मदापुरम राजस्व रिकार्ड में हुए घोटाले की जांच के लिए तत्कालीन सीएमओ नवनीत पाण्डेय ने 16 जनवरी 2024 को जांच के आदेश जारी किए थे जिससे पदस्थ कर्मचारियों में हलचल मच गई थी। सूत्रों की माने तो नगर पालिका द्वारा संपत्तिकर, जलकर व अन्य कर जमा के लिए जारी की गई रसीद व राजस्व रिकार्ड में मिलान नहीं हो रहा है, जिसके चलते वर्षों से हो रहीं करोड़ों रूपए अनियमितता व गबन की आशंका जताई जा रही है। नपा द्वारा संपत्तिकर, जलकर, समेकित कर, नगरीय विकास उपकर, शिक्षा उपकर एवं अन्य कर के रूप में जनता से वसूली जाने वाली राशि नगर पालिका के कोष में भी जमा नहीं हुई है। नगर पालिका परिषद नर्मदापुरम की ऑडिट रिपोर्ट जो कि सीएमओ के हस्ताक्षर से वरिष्ठ कार्यालय को भेजी जाती है उसमें 4 वर्षों में करोड़ों का घोटाला दिख रहा है। नवनीत पाण्डेय ने जांच अधिकारी देवेंद्र बघेल को जांच प्रतिवेदन 15 दिन में सौंपने को निर्देशित किया था। सूत्रों की माने तो जांच अधिकारी देवेंद्र बघेल ने अपना जांच प्रतिवेदन सीएमओ को सौंप समिति से जांच कराने की मांग की थी जिस पर सीएमओ श्रीमती हेमेश्वरी पटले ने समिति से जांच कराने के आदेश जारी किए गए थे। सीएमओ श्रीमती पटले ने बताया कि निकाय ने जांच पूरी कर ली अब जांच को वरिष्ठ कार्यालय को जांच के लिए भेजी जाएगी। लेकिन जांच में क्या पाया गया तो उनके द्वारा कहा गया कि हर चीज फोन पर ही बता दें ऑफिस आकर जानकारी लें और फोन काट दिया। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों और आयोग के आदेश के बाद भी नगर पालिका जानकारी नहीं देती है जिसको लेकर लोगों में काफी नाराजगी सोशल मीडिया पर भी दिख रही है। नगर पालिका के राजस्व रिकार्ड में हुए बड़े भ्रष्टाचार को जांच के नाम पर दबाने की आशंका जताई जा रही है।
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